सुनो
सुनो
मेरे मित्रो !
सुनो
मरे बंधुओं
सुनो
मेरी प्रार्थनाएं
सुनो
जहाँ भी हो
जैसे भी हो
सुखी रहो
यश और बैभव के
शिखरों पर
चमकते दमकते हुए
सफलता की दुन्दुभी
बजाते हुए
कल के शत शत सूर्यों का
स्वागत करते रहो
सुनो
मेरे शुभचिंतको सुनो
मेरी प्रार्थनाएं सुनो
---------------उदयभान मिश्र
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