नए साल पर
यात्राएं
बीमारी
गैर जरूरी चीजों की
खरीददारी
चाहे अनचाहे
मेहमानों का आना -जाना
लाख लिखने के बावजूद
मित्रों के खतों का
न आना
कभी शोक
कभी हर्ष
इसी में बीत गया
सारा यह वर्ष
बोतल में बंद
ईथर की तरह
आय
गिरते झरने की तरह
खर्च
पाया , अब paayaa
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