Saturday, 5 January 2013

Udai Bhan Mishra ka Prishtha: सपन न लौटे a poem of udaibhan mishra

Udai Bhan Mishra ka Prishtha: सपन न लौटे a poem of udaibhan mishra: सपन न लौटे ----------------- देर  बहुत हो गयी सुबह के गए अभी तक सपन न लौटे जाने  क्या है बात दाल में कुछ काला है    शायद उ...

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