रहो तो सही
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कुछ भी कहो
कहो तो सही
चित्र अधूरा क्यों
छोड़ रहे ?
भरो -कोई भी रंग
भरो तो सही
मन माफिक लहर
कब आयेगी
क्या पता
धार काट लोगे
कूदो तो सही
जाने का नाम
क्यों लेते हो ?
जैसे भी रहो
रहो तो सही
.....................उदयभान मिश्र
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