Friday 18 November 2011

मेरे नए काव्य संग्रह "कितना दूर है पटना घाट" पर आलोचकों & समीक्षकों ने इधर काफी ध्यान दिया है. हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार कवि  रामदरश मिश्र ने इसकी समीक्षा लिखी है जिसे उन्होंने मुझे       इ-मेल द्वारा भेजा था. यह समीक्षा वर्तमान साहित्य के नवम्बर २०११ के अंक में प्रकाशित हुई है.  मेरे सभी मित्र पत्रिका नहीं देख पाएंगे. इसलिए ओरिजिनल  प्रतिलिपि पोस्ट कर रहा हूँ. .......उदयभान मिश्र



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