Friday 21 June 2013

poem of udainhan mishra

 तिनके जुटाने  मे
व्यस्त थी गौरैया
खूटे पर
रम्भाती थी  गैया
सहसा तभी
डूब गयी
तैरती नैया

धरती माता
चीख उठी
हा  दैया

हा मैया

2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 29 जुलाई 2017 को लिंक की जाएगी ....
    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
    

    ReplyDelete