एक प्रेमिका के नाम
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हजार हाजार चेहरों के बीच
एक चेहरा
लंबा होता फैल रहा है
मेरे आगे
जिस पर मैं दौड़ रहा हूँ
बेतहाशा
नंगे पावों
लहू - लुहान
हजार हजार चेहरों की
भीड़ में
-----------उदयभान मिश्र
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हजार हाजार चेहरों के बीच
एक चेहरा
लंबा होता फैल रहा है
मेरे आगे
जिस पर मैं दौड़ रहा हूँ
बेतहाशा
नंगे पावों
लहू - लुहान
हजार हजार चेहरों की
भीड़ में
-----------उदयभान मिश्र
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