केदारनाथ अग्रवाल, अजित  कुमार,  दुष्यंत तथा दूधनाथ सिंह की कविताओ से जो परिचित है वे जानते हैं की अदायगी की सहजता और सूक्ष्मता दो परस्पर गुण होती हुई भी, एक साथ नयी  कविता  की अभिव्यक्तिगत विशेषताये बनी हुई हैं उदयभान ने इन कवियों की उस भूमि को थोड़ा  और आगे बढ़ कर समर्थित किया है 
- गोपाल उपाध्याय
     
जिस समय नयी कविता के नाम पर यहाँ वहाँ कूड़ा-करकट बिखेरा जा रहा हो इस प्रकार की कविताओं का आगमन शुभ है| आपकी कवितायेँ स्वस्थ हैं, मांसल हैं, ताजी हैं|
- श्रीकांत वर्मा
  
     
- गोपाल उपाध्याय
जिस समय नयी कविता के नाम पर यहाँ वहाँ कूड़ा-करकट बिखेरा जा रहा हो इस प्रकार की कविताओं का आगमन शुभ है| आपकी कवितायेँ स्वस्थ हैं, मांसल हैं, ताजी हैं|
- श्रीकांत वर्मा
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