एक क्रिकेट मैच को देखते हुए
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मैं जानता था कि
वे हार रहे थे
मैं निश्चिन्त हो कर
अपने बाकी सारे
कामों को
निपटा सकता था
मगर
उन्हें हारते हुए
देखने के सुख से
वंचित होना
नहीं चाहता था
और
टेलीविजन स्क्रीन पर
आँखें गडाए
हर गेंद की
करामात
देखता रहा
सब कुछ
ताक पर रख कर
वे जानते थे कि
वे हार रहे हैं
फिर भी वे
हर गेंद पर
जूझते रहे
अपनी सारी
ताकत को
झोंकते हुए
क्यों कि वे
मानते थे
कि
हार मानना ही
मृत्यु है
...............उदयभान मिश्र
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