Wednesday, 8 February 2012

diary dated08-02-2012

आज गोरखपुर में मौसम का मिजाज़ सहसा बदल गया . मूसलाधार पानी और ठण्ड . इसी नौसम में जाने माने गीतकार गिरधर करुण के  साथ शहर में  निकला - हमारे समय के महत्त्वपूर्ण कवि श्री  केदार नाथ सिंह  से मिलाने के लिए . वे दिल्ली से आये हैं और देवरिया जाते हुए आज इस शहर में हैं .उनके साथ करीब दो घंटे रहा . इस बीच उन्होंने हमें तनिक भी एहाशास  नहीं होने दिया  कि हम एक राष्ट्रीय और अंतर राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध वरिष्ठ कवि और साहित्यकार  के साथ बातें कर रहें हैं . वे पूर्वांचल  की माटी के सपूत हैं   यहाँ के गावं के एक साधारण  आदमी  की तरह वे बातें करते रहे . लोग मिलने पर अपनी महिमा का बखान करने लगते हैं . इसके विपरीत उन्होंने अपने बारे में एक शब्द भी नहीं कहा  , भोजपुरी में बातें करते रहे उन्हें याद करते हुए मैं घर आया

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