Saturday, 9 March 2013

poem of udaibhan mishra

सदानीरा
------------
वे खोज रहे थे
मेरी कविताओं में
विद्रोह  और तनाव की
मुद्राएँ

सर्पों के दंश
और
बिच्छुओं  के डंक

उन्हें कौन समझाए
इन्हें मारने के
बाद ही
जन्म लेती है
एक सदानीरा
कविता
-----------------उदयभान मिश्र 

No comments:

Post a Comment