Udai Bhan Mishra ka Prishtha
Wednesday 17 December 2014
poem of udaibhan mishra
प्रस्थान
लंबी बरसात के बाद निकली धूप इससी तुम! लहरा रही हो सरसो के पीले फूलों से भरे खेतों में तुम्हें पीता जी भर आँखों से लौट रहा हूँ गांव से शहर की ओर -उदयभान मिश्र
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