Saturday, 29 August 2015

पधारो हमारे देश

उदयभान मिश्र की यह किताब  अभी अभी  प्रकाशित हुई.है । यह यात्रा  वृतांत्र है । राजस्थान दक्षिण भारत और बिहार की यात्राओ के इसमें विवरण हैं।

Monday, 2 March 2015

poem of udaibhan mishra

,,,,,भीड़ में दौड़ दौड़
  .. तुम्हें खोजता रहा।
 ...सारी राह
    तुम्हारे ही बारे में
 ..सोचता रहा

....रात के सन्नाटे में
    जब भी  इंजन की
   सीटियाँ  सुनायी  पड़ी
 .बिस्तर से उठ उठ  कर
 अपनी शुभकामनाएं
  तुम्हें  भेजता रहा
    ...........................उदयभान मिश्र

Wednesday, 17 December 2014

Udai Bhan Mishra ka Prishtha: poem of udaibhan mishra

Udai Bhan Mishra ka Prishtha: poem of udaibhan mishra: प्रस्थान लंबी बरसात के बाद निकली धूप इससी तुम! लहरा रही हो सरसो के पीले फूलों से भरे खेतों में तुम्हें...

poem of udaibhan mishra

प्रस्थान लंबी बरसात के बाद निकली धूप इससी तुम! लहरा रही हो सरसो के पीले फूलों से भरे खेतों में तुम्हें पीता जी भर आँखों से लौट रहा हूँ गांव से शहर की ओर -उदयभान मिश्र

Thursday, 19 September 2013

एक दिन (poem of udaibhan mishra) ------------ तुन्हारे नगर से चला जायेगा उदयभान ए दिन बिछी की बिछी रह जायेंगी गोटिया देखते रह जायेंगे साहब दीवान और प्यादे सजती रहेंगी कन्याये विश कन्याये अप्सराये मंत्रिगन विदूशक कहा लगाओगे अपने दरबार कहा रहेगी यह सभा कहा रहेगा यह साम्राज्य ----------------उदयभान मिश्र्