Friday 13 September 2013

उदयभान मिश्र की कविता --------------------- ओ मेरी पकी टूट्ती दुपहर ओ पीली शाम जरा सोचो तो क्या वसीयत नही है कोई सुबह तुम्हारे नाम -------------------उदयभान मिश्र्

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